Not known Factual Statements About हिन्दी कहानी
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hindi kahani
यह होती है कि इन्हें एक ही साथ कई घंटों और दिनों तक सुना जा सकता है। जिन्हें
एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला समय से पहुंचे और स्टेज पर चढ़ गए , “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ?
शहरी पददलितों के जीवन में घटने वाली घटनाओं को कहानियों के माध्यम से सार्वजनिक
कुत्ता जो विदेश चला गया : पंचतंत्र की कहानी
बेरोजगारी की समस्या, राजनैतिक गिरावट, परिवारों के
सुखदेव ने ज़ोर से चिल्ला कर पूछा—'मेरा साबुन कहाँ है?' श्यामा दूसरे कमरे में थी। साबुनदानी हाथ में लिए लपकी आई, और देवर के पास खड़ी हो कर हौले से बोली—'यह लो।' सुखदेव ने एक बार अँगुली से साबुन को छू कर देखा, और भँवें चढ़ा कर पूछा—'तुमने लगाया था, क्यों?
(एक) जब तक गाड़ी नहीं चली थी, बलराज जैसे नशे में था। यह शोर-गुल से भरी दुनिया उसे एक निरर्थक तमाशे के समान जान पड़ती थी। प्रकृति उस दिन उग्र रूप धारण किए हुए थी। लाहौर का स्टेशन। रात के साढ़े नौ बजे। कराची एक्सप्रेस जिस प्लेटफ़ार्म पर खड़ी थी, वहाँ चन्द्रगुप्त विद्यालंकार
शर्मा उग्र, विष्णु प्रभाकर, अमृतलाल नागर, आदि कहानीकार
ब्राह्मणी और नेवला : पंचतंत्र की कहानी
है। इसलिए उसकी कहानी भी आधुनिकता की पक्षधर हो गई है। शिल्प की दृष्टि से नयी
दो मछलियाँ और मेंढक : पंचतंत्र की कहानी
के लिए किये जाने वा यत्नों से पैदा हुए अवरोध और संकटों से लेकर उच्चवर्गीय
राजकन्या, जय संधि, मास्टर जी आदि, जैनेन्द्र कुमार
मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह